शिक्षक दिवस

 


📔 *Teachers Day 2020: इसलिए डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के नाम पर मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें पूरा इतिहास*



शिक्षक दिवस यानी टीचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है. हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल बंद ही रहेंगे, इसलिए इस बार स्कूलों में कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे....



शिक्षक दिवस यानी टीचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है. हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के चलते देशभर के स्कूल बंद ही रहेंगे, इसलिए इस बार स्कूलों में कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे. हर किसी की ज़िंदगी में शिक्षक का बहुत महत्व होता है. कहा जाता है कि किसी भी बच्चे के लिए सबसे पहले स्थान पर उसके माता-पिता और फिर दूसरे स्थान पर शिक्षक होता है.


शिक्षक एक बच्चे के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है. एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा रहता है. शिक्षक दिवस आने में कुछ ही दिन बाकी हैं ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और इन दिन को मनाने के पीछे क्या महत्व है.


5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस महान राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है जहां से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है.



*कौन थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन?*


डॉ. राधाकृष्णन का जन्म एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. कहा जाता है कि राधाकृष्ण के पिता चाहते थे कि उनका बेटा अंग्रेजी ना सीखे और मंदिर का पुजारी बन जाए. राधाकृष्णन अपने पिता की दूसरी संतान थे. उनके चार भाई और एक छोटी बहन थीं. छह बहन-भाइयों और माता-पिता को मिलाकर आठ सदस्यों के इस परिवार की आय बहुत कम थी.


एक बार राधा कृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा. इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा. इसके बाद से ही 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। आपको बता दें कि पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था.



*अलग-अलग देशों में इस दिन मनाया जाता है शिक्षक दिवस*


शिक्षक दिवस को चीन से लेकर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अल्बानिया, इंडोनेशिया, ईरान, मलयेशिया, ब्राजील और पाकिस्तान तक शामिल हैं. हालांकि हर देश में इस दिवस को मनाने की तारीख अलग-अलग है. जैसे कि- चीन में 10 सितंबर तो अमेरिका में छह मई, ऑस्ट्रेलिया में अक्तूबर के अंतिम शुक्रवार, ब्राजील में 15 अक्तूबर और पाकिस्तान में पांच अक्तूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।


*आज का प्रेरक प्रसंग*

         *!! शिक्षक दिवस विशेष !!*
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हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। शिक्षा के महत्व को उन्होंने जिस तरह रेखांकित किया, वह अनुकरणीय है।

एक आदर्श शिक्षक

श्री राधाकृष्णन ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 40 वर्ष शिक्षक के रूप में व्यतीत किए। उनमें एक आदर्श शिक्षक के सारे गुण मौजूद थे। राधाकृष्णन का मानना था कि ‘एक अच्छे शिक्षक को पता होना चाहिए कि वह अध्ययन के क्षेत्र में छात्रों की रुचि कैसे पैदा कर सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल होते हुए, उसे इस क्षेत्र में आ रहे सारे परिवर्तनों की जानकारी होनी चाहिए।’

डॉ राधाकृष्णन अपनी बुद्धिमतापूर्ण व्याख्याओं, आनंददायी अभिव्यक्ति और हंसाने, गुदगुदाने वाली कहानियों से अपने छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दिया करते थे। वे छात्रों को प्रेरित करते थे कि वे उच्च नैतिक मूल्यों को अपने आचरण में उतारें। वे जिस विषय को पढ़ाते थे, पढ़ाने के पहले स्वयं उसका अच्छा अध्ययन करते थे। दर्शन जैसे गंभीर विषय को भी वे अपनी शैली की नवीनता से सरल और रोचक बना देते थे।

1962 में जब वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने, तो उनके कुछ शिष्य और प्रशंसक उनके पास गए। उन्होंने उनसे निवेदन किया था वे उनके जन्मदिन को एक समारोह के रूप में मनाना चाहते हैं। यह सुनकर उन्होंने कहा, ‘सिर्फ मेरा जन्मदिन मनाने से अच्छा अगर तुम इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाओगे, तो मुझे ज्यादा खुशी होगी।’ तब से 5 सितम्बर सारे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उनकी यह इच्छा अध्यापन के प्रति उनके प्रेम को दर्शाती है। वे जीवनभर अपने आप को शिक्षक मानते रहे।

*मात्र ढाई हज़ार वेतन!!*

1952 से 1962 तक देश के उप-राष्ट्रपति रहने के बाद सन् 1962 में वे भारत के राष्ट्रपति चुने गए। उन दिनों राष्ट्रपति का वेतन 10 हजार रुपए मासिक था लेकिन डॉ राधाकृष्णन मात्र ढाई हजार रुपए ही लेते थे और शेष राशि प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में जमा करा देते थे। देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचकर भी वे सादगी भरा जीवन बिताते रहे।


साक्षर हमें बनाते हैं,
जीवन क्या है समझाते हैं।
जब गिरते हैं हम हार कर तो साहस वही बढाते हैं,
ऐसे महान व्यक्ति ही तो शिक्षक व गुरु कहलाते हैं।।

सभी शिक्षक साथियों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐


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