भारत की गुप्तचर एवं अन्वेषण एजेंसी
* प्राय: तीन प्रकार के विशेष मामलों की गहन छानबीन हेतु सीबीआई की नियुक्ति की जाती है- भ्रष्टाचार के मामले, आर्थिक अपराध और विशेष- अपराध।
* मुख्य तौर पर सीबीआई प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंध है, लेकिन इसके कुछ विभाग गृह मंत्रालय द्वारा भी निर्देशित होते हैं।
* भारतीय संविधान के अधीन सीबीआई केंद्रीय विषय के अंतर्गत है। अर्थात सीबीआई अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपती है ना कि राज्य सरकारों को।
* भारतीय पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत सीबीआई एक नोडल एजेंसी है। अंतरराष्ट्रीय पुलिस या इंटरपोल से सीबीआई का सीधा संबंध है ।
* संसद, सर्वोच्च न्यायालय, न्यायालयों आदि के अनुदेश व केंद्रीय संस्थानों व राज्य सरकारों के विशेष आग्रह पर सीबीआई अति विशिष्ट मामलों का अन्वेषण भी करता है।
* 1987 में सीबीआई के दायित्वों और कार में वृद्धि को देखते हुए इसे एंटी करप्शन डिवीजन और स्पेशल क्राइम डिवीजन नामक दो प्रमुख भागों में बांट दिया गया।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)
आई.बी.-- आईबी की स्थापना वर्ष 1885 में शिमला में की गई थी। सर चार्ल्स मैटकॉफ इसके प्रथम अध्यक्ष थे।
आईबी ब्रिटिश काल में रूस चीन आदि देशों की गतिविधियों, सीमांत, हरकतों की खुफिया जानकारी जुटाने और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध षड्यंत्र संबंधी मामलों की जांच करता था।
1947 में स्वतंत्रता के बाद आईबी का पुनर्गठन किया गया और इसे गृह मंत्रालय के अंतर्गत किया गया। इस संस्था के कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्ति भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय सैन्य सेवाओं और विधि क्षेत्रों से की जाती है। आईबी के दायित्व निम्नवत् हैं।-
- देश के भीतर चरमपंथ,विद्रोह अराजकता आदि से संबंध गतिविधियों की खुफिया सूचनाओं का संकलन व उसके प्रति निरोधी उपायों के प्रयासों को संपादित करना है।
- भारतीय कूटनीतिज्ञों की नियुक्ति से पूर्व उनके सुरक्षा संबंधी बातों का जायजा लेना और स्थिति का विश्लेषण।
- सीमा पर स्थित क्षेत्रों और सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखना। रॉ की स्थापना के पूर्व सभी प्रकार की खुफिया सूचनाओं के संग्रह का दायित्व आई बी पर ही था।
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग(raw)
RAW-- 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाक युद्ध केेेेे दौरान खुफिया सूचनाओं की अपर्याप्तता के मद्देनजर वर्ष 1968 में राॅ की स्थापना इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्ररित्व काल में की गई थी। बाहृृॎ विदेशिक खुफिया गतिविधियों, आतंकवाद और प्रति आतंकी कार्यवाहियों तथा
कार्यवाहियों तथा गुप्त अभियानों से संबंधित सूचनाओं का संकलन और सरकार को सचेत करना राॅ का प्रमुख कार्य है।
राॅ की स्थापना अमेरिकी खुफिया संस्था सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की तर्ज पर की गई है। राॅ एक संविधानेतर संस्था है।
क्या एक एजेंसी ना होकर विंग है,। जो कैबिनेट सचिवालय के अधीन कार्य करता है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA)
NIA-- केंद्र सरकार ने आतंकवादी घटना की कानूनी स्तर पर जांच केे लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( NIA-- National investigation agency) नाम की एक नई जांच एजेंसी के गठन की औपचारिक अधिसूचना 10 जनवरी, 2019 को जारी की गई है। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमलेे के बाद ऐसी आतंकी गतिविधियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए इस जांच एजेंसी को गठन किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की प्रमुख विशेषताएं निम्नवत् हैं-
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी का अधीक्षण केंद्र सरकार में निहित है तथा इसका प्रमुख केंद्र सरकार द्वारा महा निदेशक स्तर के अधिकारी को बनाया गया है।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी को देश के किसी भी हिस्से में आतंकवादी हमले की जांच का अधिकार होगा तथा देश की संप्रभुता व एकता से जुड़ी सभी तरह की चुनौतियां इस एजेंसी की जांच के दायरे में होंगी।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी घटनाओं की भी जांच करेगी जो पेचीदा अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों वाली होंगी और जिनका संभावित जुड़ाव हथियारों एवं मादक द्रव्यों की तस्करी, नकली भारतीय नोट और सीमा पार से होगा।
- कानून व्यवस्था राज्यों का मामला होने के बावजूद राष्ट्रीय जांच एजेंसी को किसी भी राज्य सरकार से जांच की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
- राज सरकार की रिपोर्ट या अन्य स्त्रोतों से मिली सूचना के आधार पर केंद्र सरकार 15 दिनों के अंदर निर्धारित करेगी कि यह अपराध अनुसूचित अपराध है अथवा नहीं। अनुसूचित अपराध होने की स्थिति में राष्ट्रीय जांच एजेंसी जांच करने के लिए बाध्य होगी।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी अनुसूचित अपराध की जांच करते समय ऐसे अन्य अपराधों की भी जांच कर सकती है जिसमें व अभियुक्त शामिल है।
- आतंकवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय के गठन की व्यवस्था की गई है। किसी भी अपील को 3 माह के अंदर निपटाना अनिवार्य होगा।
- विशेष न्यायालय के फैसले के विरुद्ध किसी अन्य न्यायालय में अपील स्वीकार नहीं की जाएगी।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच का कार्य करेगी, खुफिया जानकारी जुटाने का नहीं।
- भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राधाबिनोद राजू को नवगठित राष्ट्रीय जांच एजेंसी का पहला महानिदेशक नियुक्त किया गया था।
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